विटामिन
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फल एवं शब्जियाँ विटामिन के अच्छे स्रोत हैं।
अनुक्रम
- 1 विटामिन ए
- 2 विटामिन सी
- 3 विटामिन डी
- 4 विटामिन इ
- 5 कुछ आवश्यक विटामिन
- 6 इन्हें भी देखें
- 7 बाहरी कड़ियाँ
विटामिन ए ;
विटामिन आंखों से देखने के लिये अत्यंत आवश्यक होता है। साथ ही यह बीमारी से बचने के काम आता है। यह विटामिन शरीर में अनेक अंगों को सामान्य रूप में बनाये रखने में मदद करता है जैसे कि स्किन, बाल, नाखून, ग्रंथि, दांत, मसूडा और हड्डी। सबसे महत्वपूर्ण स्थिती जो कि सिर्फ विटामिन ए के अभाव में होता है, वह है अंधेरा में कम दिखाई देना, जिसे रतौधि (Night Blindness) कहते हैं। इसके साथ आंखों में आंसू के कमी से आंख सूख जाते हैं और उसमें घाव भी हो सकता है। बच्चों में विटामिन ए के अभाव में विकास भी धीरे हो जाता है, जिससे कि उनके कद पर असर कर सकता है। स्किन और बालों में भी सूखापन हो जाता है और उनमें से चमक चली जाती है। संक्रमित बीमारी होने की संभावना बढ जाती है।विटामिन सी
इससे शरीर के विभिन्न अंगों में, जैसे कि गुर्दे में, दिल में और अन्य जगह में, एक प्रकार का पथरी हो सकता है| यह ओक्सलेट क्रिस्टल (oxalate crystal) का बना होता है। इससे पैशाब में जलन या दर्द हो सकता है, या फिर पेट खराब होने से दस्त हो सकता है। खून में कमी या एनिमीया (anemia) हो सकता है। विटामिन सी के अच्छे स्रोत हैं – नारंगी जैसे फल या सिटरस फ्रूट्स, खरबूज
विटामिन डी ;
विटामिन डी को के अन्य नाम हैं –- विटामिन डी2 या अर्गोकैल्सिफेरॉल (Vitamin D2 or Ergocalciferol)
- विटामिन डी3 या कोलेकेलसीफेरोल (Vitamin D3 or Cholecalciferol)
इससे शरीर के विभिन्न अंगों में, जैसे कि गुर्दे में, दिल में, खून के नसों में और अन्य जगह में, एक प्रकार का पथरी हो सकता है| यह केल्सियम (calcium) का बना होता है। इससे बल्ड प्रेशर या रक्तचाप बढ सकता है, खून में कोलेसटेरोल अधिक हो सकता है और दिल पर असर पर सकता है। साथ ही चक्कर आना, कमजोरी लगना और सिरदर्द हो सकता है। पेट खराब होने से दस्त भी हो सकता है। अंडे का पीला भाग (egg yolk), मछली के तेल, विटामिन डी युक्त दूध और बटर में और धूप सेकने से। ह्फ्५५एय्ज्ग्द्फ्द्स न्भ ग्फ्च्ग्त्दे घ्ग्फ्ग्व्भ्फ् ब्ग्भ्ह्ग्ग्गुह्यिह्ज उघ
विटामिन इ ;
विटामिन इ, खून में रेड बल्ड सेल या लाल रक्त कोशिका (Red Blood Cell) को बनाने के काम आता है। यह विटामिन शरीर में अनेक अंगों को सामान्य रूप में बनाये रखने में मदद करता है जैसे कि मांस-पेशियां, अन्य टिशू। यह शरीर को ओक्सिजन के एक नुकसानदायक रूप से बचाता है, जिसे ओक्सिजन रेडिकल्स (oxygen radicals) कहते हैं। इस गुण को एंटीओक्सिडेंट (anti-oxidants) कहा जाता है। विटामिन इ, सेल के अस्तित्व बनाय रखने के लिये, उनके बाहरी कवच या सेल मेमब्रेन को बनाय रखता है। विटामिन इ, शरीर के फैटी एसिड को भी संतुलन में रखता है।समय से पहले हुये या प्रीमेच्योर नवजात शिशु (Premature infants) में, विटामिन इ के कमी से खून में कमी हो जाता है। इससे उनमें एनिमीया (anemia) हो सकता है। बच्चों और व्यस्क लोगों में, विटामिन इ के अभाव से, दिमाग के नसों का या न्युरोलोजीकल (neurological) समस्या हो सकता है। अत्याधिक विटामिन इ लेने से खून के सेलों पर असर पर सकता है, जिससे कि खून बहना या बीमारी होना मुमकिन है।
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